झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज के चाइल्ड वार्ड में शुक्रवार देर रात लगी आग में 10 बच्चों की जलकर दर्दनाक मौत हो गई है. इस दौरान 16 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए. पहले कहा जा रहा था कि शॉर्ट सर्किट होने की वजह से आग लगी थी लेकिन अब अलग खबर सामने आ रही है. झांसी अग्निकांड प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि एक नर्स ने ऑक्सीजन सिलेंडर के पाइप को जोड़ने के लिए माचिस की तीली जलाई और जैसे ही माचिस जली, पूरे वार्ड में आग लग गई.झांसी के चीफ मेडिकल सुप्रीडेंटेंड के अनुसार NICU वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे, अचानक से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में आग लग गई जिससे आक्सीजन से भरे NICU वार्ड में आग फैल गई. झांसी डिविजन के DIG ने बताया कि आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया है जो घायल हैं उन्हें शिफ्ट करने कार्य चल रहा है. सीएम योगी ने घटना का संज्ञान लिया है और 12 घंटों के भीतर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं. हमीरपुर के रहने वाले भगवान दास उन लोगों में से हैं जिनके बेटे का बेटा, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में भर्ती था. कल जब आग लगी तो भगवान दास वार्ड में ही मौजूद थे. शुरुआती जांच के आधार पर भले ही शॉर्ट सर्किट को वजह बताया जा रहा हो लेकिन भगवान दास इस घटना के अकेले चश्मदीद हैं और वो इसके पीछे की असली वजह बता रहे हैं. भगवान दास के मुताबिक, बच्चों के वार्ड में एक ऑक्सीजन सिलेंडर के पाइप को लगाने के लिए नर्स ने माचिस की तीली जलाई. जैसे ही उसकी तीली जली पूरे वार्ड में आग लग गई. आग लगते ही भगवान दास ने अपने गले में पड़े कपड़े से 3 से 4 बच्चों को लपेटकर बचाया, बाकी लोगों की मदद से कुछ और बच्चों को भी बचाया गया !
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